चुप रहिके हमके सज़ा ना द । एह तरे हमरे चाहत के इंतहा ना ल ।। कर द माफ़ अगर हमसे कौनो ख़ता हो गइल । काहे बाड़ू हमसे रुसल हमसे बता तू द।।
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