कदम के रोक ना पाई मुसीबत के जंजीर । मंजिल से कह द जरा अभी पहुचल नइखी ।। मुश्किल जरूर बा लेकिन ठहरल नइखी । रास्ता से कही डी जरा अभी भटकल नईखी ।।
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